Saturday, April 7, 2012

जब जब तेरी याद आती है

जब जब तेरी याद आती है
थोड़ा सा मैं जी लेता हूं

जब जब तेरा ज़िक्र होता है
अपने होठों को सी लेता हूं

जब जब भी तनहा होता हूं
अपने आंसूओं को पी लेता हूं

जब जब मिलने की चाह होती है
ख़्वाबों की कशती खे लेता हूं

जब जब तेरी तस्वीर देखता हूं
घुट घुट कर मैं जी लेता हूं