Saturday, June 6, 2009

इश्क जब होता है

इश्क जब होता है सरे आम होता है
इश्क जब होता है सुबोह शाम होता है

इश्क वो नहीं हो जो आधा अधूरा 
इश्क में तो पूरा ही काम तमाम होता है

इश्क कभी किसी का मोहताज हुआ है क्या
इश्क में गरीब और अमीर सामान होता है

इश्क की राहों मैं बिछा देती है कांटे दुनिया
इश्क में काटों पर भी चलना आसान होता है

बदनामियों के डर से डरने वाले
इश्क ना करने वाला भी तो बदनाम होता है

इश्क करेंगे तो बनाम तो होंगे ही
बदनामियों से बचना क्या आसान होता है 

इश्क नहीं किया तो क्या राहों में कांटे नहीं होंगे
इश्क करने से जन्नत का रास्ता आसान होता है

इश्क के बिना भी बीत जाती हैं बहुत सी जिंदगियां
पर उनके लिए मरना क्या इतना आसान होता है

जो इश्क नहीं करते वो क्या ख़ाक जिया करते हैं
इश्क करने वालों पर तो खुदा को भी गुमान होता है

1 comment:

  1. aji ishq hota hi unko hai jin par malik ki nadre karam hoti hai
    gar ho gaya ho to samjhna bari kismat wale ho ji

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