मुश्किलों से मिलते हैं ये लम्हे साथ साथ
आओ करें आज जी भर के मुलाक़ात
अब यूं बार बार जाने की जिद ना करो
कुछ देर और मेरे पास यूं ही बनी रहो
दुनिया की बातें तो हमने बहुत हैं कर लीं
पर दिल है के इन बातों से भरता ही नहीं
अब कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी भी कहो
कुछ देर और मेरे पास यूं ही बनी रहो
दिन, हफ्ते और महीने गुज़र जायेंगे
ऐसे लम्हे ना जाने फिर कब हाथ आयेंगे
आओ इन पलों को आज जी भर के जी लो
कुछ देर और मेरे पास यूं ही बनी रहो
तुम पास हो तो क्यूं आता नहीं यकीं
काश वक़्त आज थम जाये बस यहीं
आज ना जाने का कोई बहाना ही ढूढ़ लो
कुछ देर और मेरे पास यूं ही बनी रहो
पहलू भी बदलती हो तो लगता है तुम बस चली
अभी तो सिर्फ दोपहर हुई है शाम ढली भी नहीं
मेरे तपते दिल मैं इक बारिश बन कर बरसो
कुछ देर और मेरे पास यूं ही बनी रहो
तुम्हारे मन मैं उठे हैं आज बहुत से ख़याल
मेरे भी तन में उठें हैं आज बहुत से बवाल
तनमन एक हो जाने दो बस अब कुछ और ना कहो
कुछ और देर मेरे पास यूं ही बनी रहो
Dil Ka Mamala hai Dar ji, Per Khoobsoorat hai....
ReplyDeleteyes, dil hai ke mantaa naheen, kya karein
ReplyDeleteबहुत बढ़िया..!!
ReplyDeletelaajawaab bahut khoob likhne lagi ho lagta hai pyaar h gaya hai kavita se
ReplyDeleteKavita se to tha hee pahle se pyaar
ReplyDeleteab jeevan me ayee he ik nayi bahaar
dil naye geet gungunane lagaa hai
pyaar ka ab mazaa sa aane lagaa hai
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